Humsafar – Silk Route
हम जो चलें तुम भी चलो साथ
फिर क्या खबर कि दिन है कि रात
हम जो चलें तुम भी चलो साथ
फिर क्या खबर कि दिन है कि रात
बस मैं नहीं रहेंगे जज़्बात
तुम जो सनम हमारे चलो साथ
हम जो चले …
सुर से सजी गीतों सी तेरी याद
तुझ बिन सनम भाये ना कोई बात
कैसे कहो अकेले चलूँ आज
तुम आओ सनम सुने हैं दिल के साज़
कैसी भी राहें हो कैसी डगर हो
कोई भी रास्ता हो कोई सफ़र हो
चलते रहें हम जो दूर हमसफ़र हो
हम जो चले …
दिन ये कहे बैठो हमारे पास
आओ इधर इशारा करे रात
हम को मगर चाहिये वही शाम
जिस पे सनम लिखा हो तेरा नाम
चांदनी रातें या घिरती सहर हो
चाहे दिन का वो कोई पहर हो
चलते रहें हम जो दूर हमसफ़र हो
हम जो चले तुम भी चलो साथ
फिर क्या खबर कि दिन है कि रात
बस मै नहीं रहेंगे जज़्बात
तुम जो सनम हमारे चलो साथ
गलियों मै फिरता है बंजारा दिल ये
तुझ को ही ढूँढेगा आवारा दिल ये
करता है जाने इशारे क्या दिल ये
गलियों मै फिरता है बंजारा दिल ये
तुझ को ही ढूँढेगा आवारा दिल ये
करता है जाने इशारे क्या दिल ये
गलियों मै फिरता है बंजारा दिल ये
तुझ को ही ढूँढेगा आवारा दिल ये
करता है जाने इशारे क्या दिल ये
गलियों मै फिरता है बंजारा दिल ये
तुझ को ही ढूँढेगा आवारा दिल ये
करता है जाने इशारे क्या दिल ये
हम जो चलें तो तुम भी चलो साथ …